IND vs ENG: सेमीफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ दस विकेट की हार ने भारतीय टीम का 11 साल बाद आईसीसी खिताब जीतने का सपना तोड़ दिया और दुनिया भर के करोड़ों भारतीयों का दिल भी तोड़ दिया। एलेक्स हेल्स और कप्तान जोस बटलर के नाबाद अर्धशतक और पहले विकेट के लिए 170 रनों की अटूट साझेदारी की मदद से इंग्लैंड ने भारत को दस विकेट से हराकर टी20 विश्व कप के फाइनल में प्रवेश कर लिया, जहां उसका सामना पाकिस्तान से होगा। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर टॉम मूडी ने भारत की हार के लिए अपनी धीमी बल्लेबाजी को जिम्मेदार ठहराया।
भारत की शर्मनाक हार के बाद दिग्गज क्रिकेटर ने भारत को पढ़ाया पाठ।
टॉम मूडी ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा, ‘मुझे लगा कि यह पारी दो अलग-अलग हिस्सों की है. पहले भाग में भारत काफी रक्षात्मक था और आक्रामक रवैया नहीं अपना रहा था। हम सभी जानते हैं कि एडिलेड में स्क्वायर बाउंड्री छोटी होती है और हमने अंत में देखा कि पारी के अंत में लेग और ऑफ साइड पर बाउंड्री मारना कितना आसान था। और अगर हार्दिक पंड्या की धमाकेदार पारी नहीं होती तो भारत 160 नहीं बल्कि 130 के पार नहीं होता।
83 गेंदों में सिर्फ 10 चौके और दो छक्के।
ओपनर केएल राहुल ने पांच गेंदों में पांच और रोहित शर्मा ने 28 गेंदों में 27 रन की पारी खेली. विराट कोहली ने जहां 40 गेंदों में अर्धशतक लगाया, वहीं इस विश्व कप में टीम के संकटमोचक रहे सूर्यकुमार यादव 14 रन बनाकर आउट हो गए। इन चारों बल्लेबाजों ने 83 गेंदों में सिर्फ 10 चौके और दो छक्के लगाए।
रोहित शर्मा की कप्तानी पर मूडी ने कहा, “वह इस टूर्नामेंट में शीर्ष क्रम पर कई कप्तानों की तरह उन्होंने अपने खेल की लय और समय खोजने के लिए संघर्ष किया है।” हमने केन विलियमसन, आरोन फिंच, बाबर आजम के साथ ऐसा होते देखा हैं, लेकिन वो बाद में अपनी अच्छी खेल दिखाया हैं। रोहित अच्छे खिलाड़ी हैं, लेकिन उन्हें अपनी लय नहीं मिला है, जिसकी बजह से वो पुरे टूर्नामेंट में रन के लिए तरस रहे थे, टाईमिंग की बजह वो पावर से मारने की कोशिश कर रहे थे।
बताया गलती आखिर कहाँ हुई थी ?
मूडी ने कहा, ‘आपको पहले 10 ओवरों को देखना होगा- कुल 60 गेंद में 42 डॉट बॉल, जितनी ज्यादा डॉट बॉल खेली गईं, उतनी ही कम बाउंड्री लगीं, भारत पीछे मुड़कर देखेगा और सोचेगा कि गलती आखिर कहाँ हुई थी। उन्होंने यह भी कहा कि विशेष गेंदबाजों पर भारतीय बल्लेबाजों का दबदबा नहीं रहा, जिससे लियाम लिविंगस्टन और बेन स्टोक्स को किफायती ओवरों में गेंदबाजी करने का मौका मिला।